मे भूल नही पाया बो पल

[postlink]http://vandana-techcare.blogspot.com/2008/09/blog-post.html[/postlink]एक दिन मै साम को टहलने गया था मै पार्क मे घूम रहा था मैंने १५ मिनट पार्क में बिताने के बाद जब माय पार्क के बहार आया तब मैंने देखा की वह कुछ भीड़ लगी थी पास जाकर देखा तो वह पर दो एक कपल लड़ रहा थे सायद वो lovers थे कुछ देर तक तो लड़का उस लड़की गो गली देता रहा और वह चुप चाप सुनती रही वह रो रही थी बस रोती जा रही थी इतने मे उस लड़के ने उस को एक तमाचा मर दिया तमाचा इतना तेज था की बह जमीं पर गिर पड़ी और कुछ नही बोली बस अखो से असू ही बाह रहे थे । कुछ लोगो के समझाने पर बह लड़का वह से भाग गया . वह लड़की बस रोटी जा रही थी . क्या यही प्यार होता है की किसी को बिच सड़क पर खड़ा करके उसे बदनाम कर दो गलती किस की हुए हो मुझे नही पता पर प्यार में एसा तो नही होना चाहिए और लड़कियों को भी किसी को समझे बगेर इस तरह अपना सब कुछ नही समझाना चाहिए की वो जिस पर अपना सबकुछ कुर्बान करने को तेयार होती है वही उस की इजजत नीलम करना चाहता है प्यार में अयसा क्यों करते हाय लोग मेरे दिमाग मे ये प्रश्न बार बार उड़ रहा हाय वो ये नही सोचते जिस को उन्होंने बिच सड़क पर तमाचा मारा है उस के पास भी एक दिल । उस के दिल पे क्या गुजरी होगी सायद ये उसे नही मालूम । अय्से लड़को के बारे मे आप क्या कहोगे .........

9 comments:

Udan Tashtari said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.


डेश बोर्ड से सेटिंग में जायें फिर सेटिंग से कमेंट में और सबसे नीचे- शो वर्ड वेरीफिकेशन में ’नहीं’ चुन लें, बस!!!

शोभा said...

अच्छा लिखा है आपने. चिटठा जगत में आपका स्वागत है.

irdgird said...

चिटृठाजगत में आपका स्‍वागत है।

Shastri JC Philip said...

एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.

वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिये निम्न कार्य करें: ब्लागस्पाट के अंदर जाकर --

Dahboard --> Setting --> Comments -->Show word verification for comments?

Select "No" and save!!

बस हो गया काम !!

रंजन राजन said...

हिंदी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है।
आप सचमुच जिम्मेदार नागरिक हैं। अब जिम्मेदार ब्लागर भी बनने की बारी है।
जमकर लिखें और दूसरों के ब्लाग पर ताकझांक कर उन्हें भी अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत कराते रहें।

प्रदीप मानोरिया said...

अच्छा आलेख कटु घटना हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका बहुत बहुत स्वागत है मेरे चिट्ठे पर कविताओं का आनंद लेने के लिए आप सादर आमंत्रण है

vishal said...

aisi ghatnaye hamare man ko jhakjhor deti hai.
likhte rahiye.

vishal

Abhishek Mishra said...

Aise logon ke bare mein yahi kaha ja sakta hai ki inhe pyar ki paribhasha kya hoti hai maloom nahi. Agli posts ka intejar rahega.

रचना गौड़ ’भारती’ said...

नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

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