[postlink]https://vandana-techcare.blogspot.com/2008/09/blog-post_1038.html[/postlink]पहली बार जब उन से मेरी तन्हाई में बात हुए,
मेरे दिल के हर कोने में फूलों की बरसात हुए,
उन के होठों पर मछली टू वोह सिर्फ इक्क मुस्कान ही थी,
लेकिन मुझ तक आते आते फूलों की सौगात हुए,
चाँद, सितारे जुगनू उसको सुनते थे मुस्काते थे,
शब् भर आँखों ही आँखों से जिस भाषा में बात हुए,
और कोई पहचान मेरी टू इश्क में बाकी है ही नही,
दिल की खलिश ही मज़हब मेरा दिल की खलाश ही जात हुए,
मस्ती का आलम न पूछो खुद में जज़ब ही हम यूं,
धड़कन को भी याद नही कब रात हुए परभात हुए,
मेरे दिल के हर कोने में फूलों की बरसात हुए,
उन के होठों पर मछली टू वोह सिर्फ इक्क मुस्कान ही थी,
लेकिन मुझ तक आते आते फूलों की सौगात हुए,
चाँद, सितारे जुगनू उसको सुनते थे मुस्काते थे,
शब् भर आँखों ही आँखों से जिस भाषा में बात हुए,
और कोई पहचान मेरी टू इश्क में बाकी है ही नही,
दिल की खलिश ही मज़हब मेरा दिल की खलाश ही जात हुए,
मस्ती का आलम न पूछो खुद में जज़ब ही हम यूं,
धड़कन को भी याद नही कब रात हुए परभात हुए,
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