[postlink]https://vandana-techcare.blogspot.com/2008/10/blog-post.html[/postlink]आई जो तेरी याद तो आँख भर आई है,
तू पलकों से बन के अश्क चालक आई है.
जी चाहता है तेरे उन कह्तों को चूम लूँ,
जिसमे तेरे हांथों की खुश्बुए-हिना समाई है.
खुदाया ये कैसा कहर है मुझ पर आया,
महबूब के आँगन बजी गैर की शहनाई है.
आज जो तेरी तस्वीर मैंने रूबरू रख ली,
बोसा लेने को चांदनी मेरे घर उतर आई है.
आंखों के सागर को बा एक परदे से धक् लिया,
तू कहीं डूब न जाए मेरे प्यार की गहराई है.
देख तेरे लबों के सुर्ख गुलाबों की कसम,
कहने-यार से तुने ग़ज़ब क़यामत ढाई है.
किस्मत ने मुह मोडा तो तुने भी हाथ छोड़ दिया,
राहे-वफ़ा में दोस्त तुने खूब दोस्ती निभाई है...
तू पलकों से बन के अश्क चालक आई है.
जी चाहता है तेरे उन कह्तों को चूम लूँ,
जिसमे तेरे हांथों की खुश्बुए-हिना समाई है.
खुदाया ये कैसा कहर है मुझ पर आया,
महबूब के आँगन बजी गैर की शहनाई है.
आज जो तेरी तस्वीर मैंने रूबरू रख ली,
बोसा लेने को चांदनी मेरे घर उतर आई है.
आंखों के सागर को बा एक परदे से धक् लिया,
तू कहीं डूब न जाए मेरे प्यार की गहराई है.
देख तेरे लबों के सुर्ख गुलाबों की कसम,
कहने-यार से तुने ग़ज़ब क़यामत ढाई है.
किस्मत ने मुह मोडा तो तुने भी हाथ छोड़ दिया,
राहे-वफ़ा में दोस्त तुने खूब दोस्ती निभाई है...
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