[postlink]https://vandana-techcare.blogspot.com/2008/10/blog-post_734.html[/postlink]पत्थर कहा गया कभी शीशा कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
शेरोन में उस हुस्न को क्या-क्या कहा गया
बदल को जुल्फ, फूल को चेहरा कहा गया
सोचे तोह यह भी एक क़फ़स ही तोह है जिसे
तह_जीब की जुबां में कमरा कहा गया
एक बात इख्तेयार से बहार जो की उस_से
किस खूबसूरती से उससे तमान कहा गया
हैरत उनकी बज्म में मोह्बात, निकल अभी
मुझसे गुनाह-ऐ-गैर को अपना कहा गया
दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया
शेरोन में उस हुस्न को क्या-क्या कहा गया
बदल को जुल्फ, फूल को चेहरा कहा गया
सोचे तोह यह भी एक क़फ़स ही तोह है जिसे
तह_जीब की जुबां में कमरा कहा गया
एक बात इख्तेयार से बहार जो की उस_से
किस खूबसूरती से उससे तमान कहा गया
हैरत उनकी बज्म में मोह्बात, निकल अभी
मुझसे गुनाह-ऐ-गैर को अपना कहा गया
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