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ज़िन्दगी मैं गुजरे वो पल याद रखता हूँ
मेरे हम नाफर्ज़ तेरी याद साथ रखता हूँ
ढलती शाम, सुनहरे बदल और खामोश पानी
अज भी वहीँ तेरे अन्य की आस रखता हूँ
ज़िन्दगी मैं गुजरे वो पल याद रखता हूँ
तेरे हाथों की नरमी भुला पता नही
नाम तेरा इन लार्किरों से जाता नही
इन्हीं हाथों को बुलंद तुझे याद रखता हूँ
अज भी दुआओं का समंदर आबाद रखता हूँ
के ज़िन्दगी मैं गुजरे वो पल याद रखता हूँ
मेरे हम नाफर्ज़ तेरी याद साथ रखता हूँ
मेरे हम नाफर्ज़ तेरी याद साथ रखता हूँ
ढलती शाम, सुनहरे बदल और खामोश पानी
अज भी वहीँ तेरे अन्य की आस रखता हूँ
ज़िन्दगी मैं गुजरे वो पल याद रखता हूँ
तेरे हाथों की नरमी भुला पता नही
नाम तेरा इन लार्किरों से जाता नही
इन्हीं हाथों को बुलंद तुझे याद रखता हूँ
अज भी दुआओं का समंदर आबाद रखता हूँ
के ज़िन्दगी मैं गुजरे वो पल याद रखता हूँ
मेरे हम नाफर्ज़ तेरी याद साथ रखता हूँ
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