[postlink]https://vandana-techcare.blogspot.com/2008/10/blog-post_06.html[/postlink]मेरे एक दोस्त की बहन की सादी उर के पास के गोव से ही होई थी उनके घरवालो ने दहेज़ में उनको वो सब खुक दिया जो वे दे सकते थे यहाँ तक की उन्होंने अपना खेत तक बेच दिया अपनी लड़की के सुख के लिए सबकुछ तय होने के शादी हो गई जो कुछ उन्होंने मागा था वह सब मेरे चाचा ने दिया . सादी के २-३ महीने तो बे लोग कुछ नही बोले लेकिन इस के बाद बे मेरे दोस्त की बहन को सताने लगे कभी बोलते तुम ये लेकर नही आई खबी कहते तुम वो लेकर नही आई इस तरह से वे उस को खूब परेसान करते थे जब मेरे दोस्त के घरवालो ने उन से ये न करने को कहा तो उन्होंने उस की बहन को छोड़ देने की धमकी दी ये सुन कर मेरे दोस्त के घरवाले चुप रह जाते . कुछ दिनों के बाद तो बे इस हद तक पहुच गए की उस को घर का बचा खाना देने लगे उस की कोई इजाजत नही करता था और वह यह सब चुप चाप सहती जाती कभी उस को ओर उस के घरवालो को गली देते और उस को पिटते . और उस से कहते की तू अपने घर जा कर रह. वह बेचारी घर का सारा कम करती घर की सफाई करती सब के कपड़े धुलती लेकिन जब खाने का टाइम आता तो उस एक नोकर की तरह एक थाली में खाना दे दिया जाता वह इतना जयादा अपनी जिंदगी से परेसान हो गई की उसने आत्म हत्या करनी चाही पर किसी तरह से उस को भगवान ने बचा लिया उस के बाद मेरे दोस्त के जीजा जी रामा को उस के घर छोड़ गए और कहा की अब हमारा इस से कोई नाता नही . कुछ दिनों के बाद सब लोगो के समझाने पर उस के ससुराल वाले रामा को ले गए पर अब वे उस को और भी जयादा परेसान करते इस के बाद एक दिन ख़बर आई की राम ने जल कर हत्या कर ली लेकिन सच तो ये था की उस के पति और उस की सास ने उस को जला कर मर डाला था. इस में दोस किसका था मेरे दोस्त के घरवालो का जो सब कुछ जानते थे फिर भी उन्होंने राम के ससुराल वालो से कुछ नही कहते. या उन दहेज़ के लोभियो का जिन्होंने कुछ रोप्यो की खातिर उसे जला दिया .या उस बाचारी रामा का को चोप चाप सब कुछ सहन करती रही . जब भी में इस घटना को याद करता हो तो मेरे अखो से असू आ जाते है मै दहेज़ के उन लोभियो से कहना चाहोगा की अगर उन की बहन या बेटियो को कोई जला दे तो उन पर क्या बीते गी . वो कभी ये नही सोचेते जिसे बे ब्याह कर लाये हे उस के भी कुछ अपने अरमान है . मुझे माफ़ करना में इससे जयादा नही लिख सकता क्योकि उस की यद् मुझे रुला रही हाय…………….
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